यह एक हॉलीवुड की फ़िल्म है. एक शुद्ध सुपरहीरो श्रेणी की इस फ़िल्म ने दुनिया भर में बवाल काट रखा है. ऐसा बवाल जैसे लगता है कि इसका पर्दे पर आना एक इवेंट बन चुका हो. दुनिया भर में यह फ़िल्म बंपर कमाई कर रही है. प्री शोज़ में ही इसने $60 मिलियन का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. ट्रेड विश्लेषक इसको बस शुरुआत भर कह रहे हैं.
लेकिन एक बात आपने गौर की? इस फ़िल्म ने भारतीय सिनेमा जगत के लोगों को भी आईना दिखाया है. उदाहरण के लिए ज़रा एक बार हम मल्टीप्लेक्स के स्क्रीन्स काउंट करते हैं. हम ये पायेंगे कि अभी एक हफ्ते पहले ही रिलीज़ हुई फ़िल्म कलंक बुरी तरह से बॉक्स ऑफिस पर पिटी है. इतना कि इसके स्क्रीन्स कम करके या तो द ताशकंद फाइल्स को दे दिए गए हैं या एंडगेम को.
दूसरी तरफ कम बजट वाली द ताशकंद फाइल्स अपने क्षेत्र में जबरदस्त कर भी रही है. हालांकि एंडगेम ने उसको भारी क्षति पहुंचाई है, लेकिन ट्रेड एनालिस्ट फिर भी कह रहे हैं कि द ताशकंद फाइल्स पूर्ण रूप से कंटेंट बेस्ड फ़िल्म है.
कलंक के फ्लॉप होने के साथ ही यह तय हो चुका है कि जनता अब वही पुरानी घिसी पिटी लव स्टोरीज के साथ इतिहास में चुटकी भर वामपंथी एजेंडा बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है. यही कारण है कि पिछले साल तीनों खानों की फिल्में बुरी तरह पिट गयी थी. ऑडिएंस वांट्स कंटेंट एंड एंटरटेनमेंट! एंडगेम जनता को वही देती है.
थानोस ने पिछले साल एक चुटकी बजाकर आधी दुनिया को खत्म कर दिया था. जनता ये बुरी तरह से जानने को आतुर थी कि अब उनके सुपरहीरो क्या इस सुपरविलेन को हरा पाएंगे. इसी का जवाब देती है इसकी दूसरी किश्त एंडगेम! रूसो ब्रदर्स का काम लाजवाब है. सच बताएं तो इस एक फ़िल्म ने सुपरहीरो फिल्मों को बनाने का तरीका बदल दिया है. टिकट खिड़कियों पर लगी लंबी लाइन्स और इसकी बढ़ती हुई लोकप्रियता बॉलीवुडिया निर्माता निर्देशकों को बदलने को मजबूर करेगी.
मान लेते हैं कि वो हॉलीवुड की फ़िल्म है, लेकिन भारत आपका अपना इलाका है. इसके लास्ट पार्ट में पिछले साल भारत में 200 करोड़ की कमाई की थी. इस बार ये 300 भी पार कर सकती है. हमारे निर्माताओं को अभी भी प्रेम कहानियों से फुर्सत नहीं है.
बाहुबली के बाद किसी मे एक ईमानदार प्रयास किया तो वो थे शंकर. जिन्होंने पिछले साल 2.0 जैसी एक फ़िल्म दी. फ़िल्म अच्छी हो या बुरी, इससे ज़्यादा यह आवश्यक होता है कि आपने लीक से हटकर क्या काम किया. साउथ इंडियन इंडस्ट्री को छोड़कर कोई भी अभी भारत की जनता को प्रभावित नहीं कर पाया है.
इसका कारण है व्यापार! फ़िल्म निर्माण को बस व्यापार समझा जा रहा है. यह व्यापार से अधिक एक पूजा है जिसको जिन्होंने समझा है, वो ही बाहुबली और 2.0 जैसी फिल्में दे पाए हैं. कुछ नहीं तो कम से कम द ताशकंद फाइल्स से ही कुछ सीख लीजिये. कोई संदेह नहीं कि आखिर क्यों हॉलीवुड दुनिया की एंटरटेनमेंट इन्डस्ट्री का बादशाह है. रूसो ब्रदर्स लाजवाब हैं
2 Comments
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